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भारत में डचों का आगमन
सामान्य जानकारी –
❖ प्रथम ड़च – कानेलियस हाउटमैन, डच – नीदरिैंड ननवासी
❖ 1602 में डच कंपनी की स्थापना
नाम – (i) पेररगदे ओस्त इंडीशे कंपनी
(ii) ड़च सरकार व व्यापारी
❖ केंद्र – बेटाववया (इंडोनेलशया)
❖ भारत में प्रथम कारखाना – मसूिीपट्टनम
उद्देश्य
1. मसाला व्यापार 2. भारत में वस्त्र व्यापार
अंग्रेजों से निष्कर्ष ↔ बेदरा का युद्ध 1759
ड़च Vs अंग्रेज
1. ड़चो ने अपना पूरा ध्यान इंडोनेशिया में लगाया
2. ईस्ट इंडिया कंपनी
सामान्य जानकारी –
❖ इंग्लैंड – महारानी एलिजाबेथ–I
❖ मुगल – अकबर
❖1599 – अंग्रेज व्यापारी मिल्डेनहाँफ भारत आया
❖ 1599 – सितंबर में ईस्ट इंडिया कंपनी का गठन
❖ दिसंबर 1600 में एलिजाबेथ प्रथम ने पूर्वी देशों के साथ व्यापार के लिए 15 वर्षों का एकाधिकार
1625 में सूरत की किलेबंदी
अंग्रेजों की सफलता के कारण-
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बेहतर समुद्री परिवहन व नौसेना
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भारत एशियाई व्यापार की समझ
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कंपनी का बेहतर संगठन
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इंग्लैंड की उपभोक्तावादी व पूंजीवादी
महत्वपूर्ण घटनाऐ व तथ्य
कैप्टन हाँकिंस⇒ 1608 में हेक्टर नामक जहाज से भारत आया
कैप्टन हाँकिंस⇒ जेम्स-I के दूत के रूप में मिला (जहांगीर)
कैप्टन हाँकिंस⇒ 400 का मनसब एवं इंग्लिश खा की उपाधि
कैप्टन हाँकिंस⇒ सूरत में फैक्ट्री खोलने की अनुमति
जॉन सरमन मिशन (1715)
- कंपनी ने सन 1715 ईस्वी में जॉन सरमन अध्यक्षता में कोलकाता से एक दूतमंडल मुगल दरबार में भेजा
- हेमिल्टन ने बादशाह फरूखसियर की एक दर्दनाक बीमारी छुड़ाने में सफलता प्राप्त की
- इससे फर्रूखसियर अंग्रेजों से प्रसन्न हो गया उसने 1717 ईसवी में एक शाही फरमान जारी किया जिसके अंतर्गत –
(i) ₹3000 वार्षिक कर के बदले में कंपनी को बंगाल में मुक्त व्यापार करने की छूट मिल गई
(ii) ₹10000 वार्षिक कर देने के बदले में कंपनी को सूरत में सभी करो से मुक्ति मिल गई
(iii) बम्बई में कंपनी द्वारा ढाले गए सिक्कों को संपूर्ण मुगल राज्य में चलाने की आज्ञा मिल गई
फ्रांस का भारत आगमन –
सामान्य जानकारी
- भारत आने वाले अंतिम व्यापारी
- कंपनी कंपनी द इंड ओरिएन्टल
- लुई 14
स्थापना 1664
- पूर्ण राज्य नियंत्रित
- प्रथम फैक्ट्री – सूरत 1668
दो चरण
1.पूर्णतः व्यापारिक (1664-1741)
2.व्यापारिक + साम्राज्यवादी (1741 के बाद) → अंग्रेज + फ्रांसीसी प्रतिस्पर्धा