तटीय प्रदेश

पश्चिम तटीय प्रदेश

पश्चिम तटीय प्रदेश

पूर्वी तटीय प्रदेश

  • श्चिमी तटीय प्रदेश अधिक कटे-फटे हैं इसलिए मछली पालन हेतु उपयुक्त हैं एवं बंदरगाहों के निर्माण हेतु उपयुक्त हैं।
  • पूर्वी तटीय प्रदेश कम कटे-फटे हैं इसलिए बंदरगाह निर्माण व मछली पालन हेतु अधिक उपयुक्त नहीं है।
  • यह कम चौड़े हैं इनकी औसत चौड़ाई 30-50 km है।
  • यह अधिक चौड़े हैं इनकी औसत चौड़ाई 80-100 km. है।
  • यहां नदियाँ प्रश्चुरी / ज्वारनदमुख का निर्माण करती है जैसे – नर्मदा व ताप्ती नदी।
  • यहां नदियां डेल्टा का निर्माण करती है जैसे – गोदावरी व कृष्णा नदी।
  • यहां समुद्री लहरों के द्वारा अपरदन या कटाव की क्रिया से छोटे आकार की खारे पानी की झीलों का निर्माण हुआ है – जिसे कयाल कहा जाता है।

जैसे –

वेम्बनाद कयाल

अण्ठमुदी कयाल केरल

पुन्नामदा कयाल

केरल कि पुन्नामदा कयाल में नौकायान की राष्ट्रीय ट्रॉफी नेहरू ट्रॉफी का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है।

  • यहां समुद्री लहरों के द्वारा अब अपरदन या कटाव की क्रिया से बड़े आकार की खारे पानी की झीलों का निर्माण हुआ है जिन्हें लैगून / पश्च जल झील कहा जाता है।

जैसे – चिल्का लैगून (उड़ीसा)→ यह भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।

पुलीकट लैगुन → यह लैगून तमिलनाडु व A.P. राज्यों की सीमा पर स्थित है।

  • पश्चिमी तटीय प्रदेश में तीन प्रमुख समुद्र तट हैं–
  1. कोंकण तट
  2. केनरा तट
  3. मालाबार तट
  • पूर्वी तटीय प्रदेश में तीन प्रमुख तट है –
  1. उत्तरी सरकार तट
  2. गोलकुंडा तट
  3. कोरोमंडल तट

 

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