महात्मा गांधी
जीवन परिचय –
- जन्म – 2 अक्टूबर 1969 (काठिया, पोरबंदर – गुजरात)
- पिता – कर्मचंद गांधी (काम्बा गांधी)
- माता – पुतलीबाई
- विवाह – कस्तूरबा गांधी से 13 साल की उम्र में
- प्रारंभिक शिक्षा – राजकोट
- अंतिम शिक्षा – लंदन (वकील बैरिस्टर)
- पूरा नाम – मोहनदास कर्मचंद गांधी
- आत्मकथा – सत्य के साथ मेरे प्रयोग
- अन्य पुस्तक – हिंद स्वराज, धर्मात्मा गोखले, सात महाव्रत
- महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका 1893 में गये तथा भारत आगमन 1915 में हुआ
- मृत्यु – 30 जनवरी 1948
उपाधियां –
- केसर-ए-हिंद – ब्रिटिश सरकार द्वारा
- भर्ती करने वाला सार्जेंट – लोगों द्वारा
- महात्मा – रविंद्र नाथ टैगोर (चंपारण में)
- राष्ट्रपिता – सुभाष चंद्र बोस द्वारा
- बापू – जवाहरलाल नेहरू द्वारा
- मलंग बाबा – कबीले द्वारा
गांधीजी और दक्षिण अफ्रीका –
- 1893 में गुजराती व्यापारी दादा अब्दुल्ला का मुकदमा लड़ने हेतु डरबन (दक्षिण अफ्रीका) गए।
- गांधीजी अफ्रीका की यात्रा करने वाले प्रथम भारतीय वकील थे।
- दक्षिण अफ्रीका में समस्याऐ –
- रंगभेद
- पंजीकरण प्रमाण पत्र की अनिवार्यता
- भारतीय पद्धति के विवाह को मान्यता नहीं
- गांधीजी जब डरबिन से प्रिटोरिया तक रेलवे के प्रथम श्रेणी डिब्बे में यात्रा कर रहे थे तो उन्हें धक्का देकर नीचे उतार दिया गया।
- गांधीजी की प्रतिक्रिया –
- पहले उदारवादी (प्रार्थना और याचना)
- सत्याग्रह (हिंसात्मक प्रतिरोध)
दक्षिण अफ्रीका मैं गांधी जी के कार्य –
- 1896 में नटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की तथा इंडियन ओपिनियन नामक अखबार खोला।
- 1904 में डरबन में फिनिक्स आश्रम की स्थापना की जो कि गांधीजी का प्रथम आश्रम था।
फरवरी 2000 में पुनः खोला
- 1906 मे पंजीकरण प्रमाणपत्र की अनिवार्यता के विरोध में सत्याग्रह किया जो कि गांधीजी का प्रथम सत्याग्रह था (1908 में जेल)
- 1909 में लंदन से दक्षिण अफ्रीका लौटते हुए हिंद स्वराज नामक पुस्तक की रचना की।
- 1910 में सत्याग्रह में शामिल व्यक्तियों की सहायता हेतु जर्मन शिल्पकार कालेन वाख की सहायता से टॉलस्टॉय फार्म की स्थापना की।
- 1914 तक भारतीयों से भेदभाव करने वाले अधिकार कानूनों को खत्म किया गया।
- 9 जनवरी 1915 को 21 वर्षों के बाद भारत वापसी।
महात्मा गांधी का भारत आगमन और प्रारंभिक आंदोलन –
1. प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) –
- गांधी जी ने गोपाल कृष्ण गोखले को राजनीतिक गुरु माना
- प्रथम विश्व युद्ध में अंग्रेजो का समर्थन।
- कारण – अंग्रेज युद्ध के बाद भारत को स्वराज प्रदान करेंगे।
- गांधीजी को भर्ती कराने वाला सार्जेन्ट कहा गया।
- एक वर्ष तक भारत भ्रमण किया तथा भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को आगे बढ़ाया।
2. चंपारण सत्याग्रह (1917) (बिहार) –
कारण –
-
- नील की खेती और तिनकाठिया पद्धति
- रासायनिक रंगों की खोज (जर्मनी)
- राजकुमार शुक्ला कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में गांधी से मिले।
- गांधीजी ने चंपारण में सत्याग्रह का प्रथम प्रयोग किया।
- सहायक – राजेंद्र प्रसाद, जे.बी. कृपलानी, नरहरि पारेख, बृजकिशोर, महादेव देसाई, रामनवमी प्रसाद।
परिणाम –
- गांधीजी की सदस्यता वाले एक आयोग का गठन
- तिनकाठिया पद्धति की समाप्ति
- बागान मालिकों को अवैध वसूली का 25% हिस्सा लौटाने को कहा
- टैगोर ने महात्मा की उपाधि दी
- N.G. रंगा ने चंपारण आंदोलन का विरोध किया
(गांधीजी का प्रथम सफल सत्याग्रह)
खेड़ा सत्याग्रह (1918) –
- गुजरात
- कारण – भीषण अकाल के बाद भी लगान वसूली
- अंग्रेजों की इस नीति के विरुद्ध संघर्ष
- कथन – यदि सरकार लगान माफ करें तो सक्षम लोग स्वेच्छा से लगान देंगे।
- सहायक – बिट्ठल भाई पटेल, इंदूलाल याग्निक, महादेव देसाई
- परिणाम – सरकार ने केवल सक्षम किसानों से लगान वसूली का आदेश दिया।
राँलेक्ट एक्ट –
- भारत में क्रांतिकारी गतिविधियों की बढ़ोतरी हुई।
- इसके नियंत्रण हेतु तत्कालीन वायसराय चेम्सफोर्ड ने सिडनी रॉलेक्ट की अध्यक्षता में सेडिशन समिति का गठन किया।
- इस एक्ट के तहत किसी भी भारतीय को बिना मुकदमा चलाए जेल में रखा जा सकता है।
- रॉलेक्ट एक्ट को काला कानून, बिना अपील, बिना वकील, बिना दौलत वाला कानून कहा जाता है।
गांधी जी द्वारा देशव्यापी सत्याग्रह
- प्रभाव जलियावाला बाग हत्याकांड
हंटर आयोग का गठन
- यह कानून बिल्कुल अनुचित स्वतंत्रता विरोधी तथा व्यक्ति के मूल अधिकारों की हत्या करने वाला है।
– महात्मा गांधी
परिणाम –
- सरकार द्वारा क्रूरता से दमन
- राँलेक्ट एक्ट जारी हुआ
- गांधी जी अखिल भारतीय पहचान तथा राष्ट्रीय एकता।
जलियावाला बाग हत्याकांड (13 अप्रैल 1919) –
- स्थान – जलियांवाला बाग (अमृतसर)
- 13 अप्रैल 1919 को जनरल एडवर्ड हैरी डायर ने निहत्थी जनता पर गोलियां चलाई
कारण –
- रॉलेक्ट एक्ट
- माइकल ओ डायर के द्वारा डॉ सत्यपाल तथा डॉ सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी
- संकरन नायर वायसराय की कार्यकारिणी परिषद से इस्तीफा।
- सी.एफ. एंड्रूज (दीनबंधु) की जानबूझकर की गई हत्या।
- जांच आयोग का गठन
ब्रिटिश सरकार |
कांग्रेस |
हंटर जांच आयोग (8 सदस्य) |
मदन मोहन मालवीय समिति (तहकीकात समिति) |
भारतीय सदस्य – चिमनलाल, सीतलवाड़, साहबजादा सुल्तान अहमद, जगत नारायण |
हंटर कमीशन रिपोर्ट की आलोचना |
रिपोर्ट – 1920 डायर को दोषी नहीं माना, मात्र नौकरी से हटाया |
सदस्य – महात्मा गांधी सी.आर दास, मोतीलाल नेहरू |
ब्रिटिश साम्राज्य का शेर का सम्मान-
1.ब्रिटिश साम्राज्य का रक्षक
2.ब्रिटेन में डायर
3. मान की तलवार (उपाधि)