-::मुगल साम्राज्य::-
- तुजुक – ए – बाबरी – बाबर की आत्मकथा → तुर्क भाषा
- राज्यों का उल्लेख → 1 विजयनगर कृष्णदेव, 2 मेवाड़ (राणा सांगा)
फारसी में अनुवाद – अत्र्दुरहीम खान
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भारत को कारीगरों का देश
हुमायूंनामा → हुमायूं की जीवनी → गुलबदन बेगम द्वारा रचित
अकबरनामा→ अबुल फजल → 3 भाग
तीसरा भाग आइन – ए – अकबरी → इनमें अबुलफजल की आत्मकथा है
बाबर के प्रमुख आक्रमण → 1518-19 मैं भैरा का युद्ध युसुफजाति से 21 अप्रैल 1526
पानीपत का प्रथम युद्ध ⇔
1 बाबर → प्रमुख तोपची → 1. उस्ताद अली 2.मुस्तफा
2. इब्राहिम लोदी
परिणाम – बाबर द्वारा भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना →काबुल में चांदी के सिक्के बंटवाऐ → बाबर को कलंदर कहा
17 मार्च 1527 खानवा का युद्ध ⇔
1. बाबर
2. राणा सांगा (पराजित)
कारण ⇔
1. बाबर की महत्वाकांक्षा
2. बाबर की साम्राज्य स्थापना
राणा सांगा का शक्तिशाली होना
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बाबर ने जिहाद का नारा दिया
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बाबर जीता
1528 चंदेरी का युद्ध ⇔ 1. मेदनी राय 2. बाबर ⇒ शेरशाह ने साथ दिया
1529 घाघरा का युद्ध ⇔ 1.बाबर 2. महमूद लोदी
मृत्यु – दिसंबर 1530 युसूफ जाति के साथ
नसीरुद्दीन मोहम्मद हुमायुँ 1530 – 1556 ⇔
बाबर ⇓
- हुमायूं शासक
- कामरान काबुल कंधार पंजाब
- अस्कनी संभल
- हिन्दाल अलवर
चुनौती ⇔
- अफ़गानों से निपटना → 1. पूर्व में शेरखाँ 2. पश्चिम में बहादुर शाह।
- राज्य की कमजोर स्थिति
1. कालिन्धर अभियान – (1531)
- शासक – प्रतापरूद्र देव
- कारण – बहादुरशाह को रोकना
- परिणाम – समझौता व चुनार की ओर रवानगी
2. देवरा का युद्ध – (1532)
- हुमायूं बनाम महमूद लोदी
- कारण – महमूद लोदी द्वारा जौनपुर पर कब्जा
- परिणाम – हुमायूं की जीत
3. चुनार का घेरा – (1532)
- (U.P.) पूर्व भारत का प्रवेश द्वार हुमायूं तथा शेरखाँ समझौता
- हुमायुँ की आगरा वापसी तथा दिपनहा नगर बसाया
- रानी कर्मावती ने हुमायूं को राखी भेजी (बहादुर शाह के कारण)
4. चोसा का युद्ध बिहार – (26 जून 1539)
हुमायूं तथा शेरखाँ
- हुमायूं ⇒ निजाम नामक भिश्तीने जान बचाई →1. चमड़े का सिक्का 2. एक दिन का सुल्तान।
- शेरखाँ ⇒ विजय → शेरशाह की उपाधि
5. कन्नौज / विलग्राम का युद्ध (1540) –
हुमायूं तथा शेर खाँ
- हुमायूं ⇒ कई वर्षों तक सिंध में भटका → हिन्दाल के गुरु अमीर अली की पुत्री हमीदा बानो बेगम से निकाह
- शेरखाँ ⇒ विजयी
6. मच्छीवाड़ा का युद्ध – (15 May 1555)
हुमायूं तथा नसीब खान ⇔ पंजाब पर अधिकार
7. सरहिन्द का युद्ध – (22 जून 1555)
मुगल सेनापति बैरम खान तथा सिकन्दर
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विजयी
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हुमायूं पुनः दिल्ली का बादशाह बना
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जनवरी 1556 में हुमायूं की मृत्यु ⇒ दिपनहा भवन में पुस्तकालय से गिरने से।
8. शेरशाह सूरी – (1540-1545)
- जन्म – 1472 (जौनपुर)
- प्रारंभिक नाम – फरीद
उपाधियां ⇒1. शेरखाँ 2.हजरते 3.भाला
शेरशाह (चौसा युद्ध के बाद)
- रायसेन आक्रमण → 1543 → शासक पूरणमल
- कालिंजर अभियान → 1545 → कीरतसिंह → 1. मृत्यु (उक्का नामक यंत्र द्वारा) 2. सासाराम मकबरा में दफनाया गया
भू राजस्व ⇒
- कर → उपज का 1/3 → 1. जरीवाना, 2. मुहसिलाना
- चब्ती पद्धति → 1. भूमि की पैमाइश, 2. इकाई बीघा
- अन्य → 1. भूमि को 3 भाग → i. उत्तम, ii.मध्यम, ii. निम्न, 2. रय (कर), 3. नगद (अनाज)
सिक्के ⇒ 1.चांदी का रुपया (178 ग्रेन), 2. तांबे का दाम (380 ग्रेन), 3. सोने का असरफ
मोठड़ा – जोधपुर – क्रॉसिंग छपाई
- यह ओढ़नी तथा साफा, पगड़ी का प्रकार है।
- साफा, पगड़ी – जोधपुर
- नोट – जोधपुर के बंद गले के कोट को राष्ट्रीय पोशाक का दर्जा दिया गया है।
गोटा – खंडेला (सीकर), भिनाय (अजमेर)
- गोटे के प्रकार – लप्पा – लप्पी
बिजिया
चंपाकली
जरदोजी
किरण, लहर, मुकेश
प्रिन्ट का कार्य –
- कपड़ों पर छपाई का कार्य
- अजरक व मलीर प्रिंट – बाड़मेर
बैड़शीट पर छपाई हेतु प्रसिद्ध
- लाल व नीले रंग की प्रधानता कपड़े के दोनों तरफ
- मलीर प्रिंट में काला एवं कत्थई रंग की प्रधानता में कपड़े के एक तरफ छपाई
छीपो का अकोला (चित्तौड़गढ़) → 1. आजम प्रिंट, 2. जाजम प्रिंट, 3. दाबू प्रिंट
- आजम – हरे वे काले रंग में महिलाओं के घाघरे
- जाजम – लाल रंग में मोटे वस्त्रों पर छपाई
- दाबू – कपड़े को दबाकर – पुरुषों के वस्त्रों हेतु (हरा, लाल व काला रंग)
- मोम का दाबू – सवाई माधोपुर
- कागज का दाबू – जायल (नागौर)
- मिट्टी का दाबू – बालोतरा (बाड़मेर)
बगरु प्रिंट (जयपुर) – बगरू (जयपुर)
- कपड़ो पर बेलबूटो की छपाई हेतु प्रसिद्ध
- प्रसिद्ध कलाकार – रामकिशोर छीपा – 2009 में पदमश्री
सागानेरी प्रिंट ⇒ जयपुर
- मलमली कपड़ों पर छपाई हेतु प्रसिद्ध
- कार्य करने वाले व्यक्ति – नामदेवी छीपे
- तनसुख गांव (जोधपुर) मलमल कार्य हेतु विख्यात
- दरी उद्योग – टांकला – नागौर
- निर्माण – ऊँन को कूटकर ↔ 1. नमदे – टोंक जयपुर, 2.गलीच्छे जयपुर, टोंक
रामकड़ा उद्योग –
- गलियाकोट (डूंगरपुर)
- तलवार – सिरोही
- बंदूक – पुष्कर, जयपुर
- खेल का सामान – हनुमानगढ़ गंगानगर
- रेडियो, TV, छत्ता – फालना (पाली)
कोटा डोरिया साड़ी – कैथून (कोटा)
- उपनाम – महामली साड़ी, राज. की बनारसी
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान – वसुंधरा राज (न्यूयॉर्क)
पान्ने – सांगानेर (जयपुर)
- कागज के ऊपर देवी-देवताओं का चित्रांकन
- एशिया की सबसे बड़ी पेपर प्रिंट मिल – सांगानेर (जयपुर)
- पाव रजाई – जयपुर
- जरी – बरी – जयपुर
- बिनौटा – जयपुर
वैवाहिक अवसरों पर दूल्हा-दुल्हन द्वारा
पहनी गई जूतियां
इत्र -सवाई माधोपुर, भरतपुर
- अविष्कार – अस्मत बेगम
- निर्माण – खस द्यास
टेराकोटा-मोलेला गांव (राजसमंद)
- मिट्टी से वस्तुओं का निर्माण
- प्रमुख कलाकार – मोहनलाल प्रजापति 2004 पदमश्री
- खेसले – लेटा गांव (जालौर)
- लकड़ी के झूले – जोधपुर
- लकड़ी के खिलौने – उदयपुर
- जूती / मोजड़ी – जोधपुर
- तीरकमान, पर्स, बेल्ट – चंदूजी का घड़ा, बोडीगामा (बांसवाड़ा)
- मेहंदी – सोजत (पाली)
- मयूर बीडी – टोंक
- बादला – Zn / जस्ता से निर्मित पानी रखने के पात्र
गुजरात अभियान – (1571) –
- मुजफ्फर खा तृतीय vs अकबर
कैम्बे (गुजरात) → 1. पहली बार समुंद्र देखा, 2. पुर्तगालियों से भेट
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फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजे का निर्माण
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अकबर ने अर्ब्दुरहीम को खान-ए-खाना की उपाधि दी
काबुल विजय – (1581) –
मिर्जा हकीम vs अकबर मानसिंह
- बंगाल – बिहार → राजा टोडरमल
- लाहौर → मानसिंह व भगवंत दास
- काबुल → अकबर
काबुल (मानसिंह)-
- बलूचिस्तान (मीर मासूम)
- अटक (स्वयं)
- सिंध (अब्दुल रहीम)
- खैबर दर्रा (वल वि मौत)
- कश्मीर (भगवंत दास व कासिम खाँ)
अकबर कालीन प्रशासन –
- बादशाह (उदार – निरंकुश)
- बाबर और औरंगजेब – कुरान
- हुमायूं – पृथ्वी पर खुदा का प्रतिनिधित्व
- अकबर – जनता का शासन
- वकील ए मुतलक – प्रधानमंत्री
- दीवान ए वजीरात ए कुल – बैरम खां की शक्ति को करने हेतु
मनसबदारी प्रथा –
- प्रेरणा – चंगेज खां
- भारत में प्रारंभ – अकबर
- मनसब – पद
- विशेषताऐ → 1. दशमलव प्रणाली पर आधारित, 2. सुल्तान द्वारा मनसब की नियुक्ति
- मनसवदार → 1. जात पद → वेतन व औहदा, 2. सवार पद → सैनिक उत्तरदायित्व
वेतन
- नगद
- भूराजस्व
- नगद + भूराजस्व
|| वंशानुगत नहीं था ||
अकबर की भू राजस्व प्रणाली –
नसक प्रणाली ⇒
- पोलज प्रत्येक वर्ष कृषि की जाने वाली भूमि
- परत-1 वर्ष तक की जाने वाली खेती
- चाचर – दो-तीन वर्ष तक खेती ना की जाती है।
किसान
- पाही – काश्त – अपनी जमीन पर खेती करने हेतु दूसरे गांव में जाने वाले किसान
- खुद काश्त
- मुजारे – मालिकों की जमीन पर खेती करने वाले किसान
धार्मिक नीति
अकबर –
i. साम्राज्य सत्ता,
ii. साधन-1. उदार धार्मिक नीति-A. इबादत खाना, B.जजिया समाप्त, C. सभी त्योहारों में जाना 2.राजपूत नीति
सूफीवादी का प्रभाव → i. शेख सलीम चिश्ती दरगाह (यूपी), ii. अजमेर में दरगाह ए शरीफ यात्रा
1. 1575 में इबादत खाने की स्थापना → i. धार्मिक विवाद की चर्चा हेतु, ii.प्रारंभ में सिर्फ इस्लाम
2. 1578 सभी धर्मों के लोगों का प्रवेश।
परिणाम
- धार्मिक विवाद बड़े
- 1579 में मजहर नामा की घोषणा
- 1582 में दीन ए इलाही की घोषणा → नियम →
- कम आयु की कन्या तथा वृद्ध महिला से विवाह नहीं
- एक पत्नी व्रत का पालन
- मृत्यु भोज बंद
तथ्य → i. एकमात्र हिंदू बीरबल, ii. स्मिथ ने इसे बीरबल की मूर्खता कहा।
जहाँगीर – (1605-1627) ⇒
- जन्म → 31 अगस्त 1559 ⇒ i.अकबर, ii.जोधा बाई
- बचपन का नाम-सलीम (शेख बाबू)
- राज्याभिषेक – 24 अक्टूबर 1605
विवाह ⇒
- आमेर के राजा भगवंतदास की पुत्री मानबाई-पुत्र-खुसरो
- मारवाड़ के राजा उदय सिंह की पुत्री जगत गोसाई – (पुत्र-खुर्रम)
- नूरजहां
प्रमुख पुत्र ⇒
- खुसरो
- परवेज
- खुर्रम
- शहरयार