राजस्थान के प्रमुख मंदिर

राज के प्रमुख मंदिर –

❖  राज में सर्वाधिक मंदिर जयपुर में है।

❖  मंदिर निर्माण की प्रमुख तीन शैलियां होती है।

नागर शैली ⇔ उत्तर भारत में मंदिर निर्माण की शैली

द्रविड़ शैली ⇔ दक्षिण भारत में मंदिर निर्माण की शैली

बेसर शैली ⇔ मध्य भारत में मंदिर निर्माण की शैली

❖ उत्तर भारत में द्रविड़ शैली का प्रथम मंदिर चौपड़ा मंदिर (धौलपुर) में स्थित है।

ब्रह्मा जी मंदिर –

❖ पुष्कर (अजमेर) ⇔ विश्व का सबसे बड़ा ब्रह्मा मंदिर

❖ आसोतरा (बाड़मेर) ⇔ निर्माण – खेताराम जी महाराज

❖ छीछ (बासवाड़ा) ⇔  ब्रह्मा जी की आदमकद प्रतिमा लगी है।

निर्माण – शंकराचार्य     ब्रह्मा व सावित्री  की प्रतिमा है।

आधुनिक निर्माता – गोकुल चंद्र पारीक

सावित्री माता का मंदिर –

❖  रत्नागिरी पहाड़ी – पुष्कर

❖  इस जगह राज. का तीसरा रोप में स्थापित है।

      रावण मंदिर – मंड़ौर (जोधपुर)

      विभीषण मंदिर – कैथून (कोटा)

     लक्ष्मण मंदिर – लोहागढ़ (भरतपुर)

      डाढ़ी मूछ वाले राम लक्ष्मण का मंदिर – झुंझुनू

सूर्य मंदिर –

राज में चार जगह सूर्य मंदिर है।

  1. ओसिया (जोधपुर)
  2. गलता जी (जयपुर)
  3. बुढ़ातीत (कोटा)
  4. झालरापाटन (झालावाड़)

ओसिया (जोधपुर) –

  • इसे राज. का कोणार्क / भुवनेश्वर कहा जाता है।

गलता जी (जयपुर) –

  • गालव ऋषि की तपोभूमि
  • इसे मंकी वैली कहते हैं।

झालरापाटन (झालावाड़) –

  • इसे सात सहेलियों का मंदिर कहते है।
  • इस मंदिर को पदमनाथ / चारभुजा मंदिर कहते है।

रणकपुर का जैन मंदिर (पाली) –

  • इस मंदिर का निर्माण 1439 में धरनकशाह के द्वारा करवाया गया
  • वास्तुकार – देपाक
  • इस मंदिर में 1444 खम्बे है।
  • उपनाम स्तम्भो का वन, चौमुखा मंदिर

भांडाशाह जैन मंदिर (बीकानेर) –

  • इस मंदिर की नीव में पानी के स्थान पर घी का प्रयोग हुआ है।
  • पार्श्वनाथ मंदिर – नाकोड़ा (बाड़मेर)
  • आसपाश्र्वनाथ मंदिर – लोद्रवा (जैसलमेर)
  • स्वर्ण जैन मंदिर – फालना (पाली)

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