सिख संप्रदाय

सिख संप्रदाय –

  • सिख संप्रदाय के प्रवर्तक व प्रमुख गुरु – गुरु नानक देव है।
  • इनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को नानका साहब (पाकिस्तान) में हुआ तथा मृत्यु 22 सितंबर 1539 को करतारपुर (पाकिस्तान) में हुई।
  • गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर (पाकिस्तान) में स्थित है।
  • इन्होंने नि:शुल्क भोजनालय शुरू किया जिसे गुरु का लंगर कहा जाता है।
  • सिख धर्म में कुल 10 गुरु थे –

1. गुरु नानक देव –

  • यह बाबर एवं हुमायूं के समकालीन थे।

2. गुरु अंगद –

  • इन्हें लहना के नाम से जाना जाता है।
  • गुरु आनंद गुरुमुखी के जन्मदाता हैं।
  • इन्होंने लंगर व्यवस्था को स्थाई बनाया।

3. गुरु अमरदास –

  • इन्होंने लवन विवाह पद्धति प्रारंभ की।
  • गुरु अमरदास ने अकबर से भेंट की तथा पुत्री बीबी भानी को 500 बीघा भूमि दान की।
  • गुरु अमर दास ने 22 गद्दीयों की स्थापना की थी।

4. गुरु रामदास –

  • यह गुरु अमर दास के दमाद थे।
  • गुरु रामदास ने अमृतसर शहर का निर्माण करवाया था।
  • अमृतसर का प्रारंभिक नाम रामदासपुर था तथा प्राकृतिक तालाब अमृतसर था।

5. अर्जुन देव –

  • ये रामदास के तृतीय पुत्र थे यहां से गुरूपद पैदक बना।
  • इन्होंने सिख धर्म के सबसे बड़े ग्रंथ आदि ग्रंथ की रचना की जिसे गुरु ग्रंथ साहिब के नाम से जाना जाता है।
  • इस पुस्तक में कबीर, बाबा फरीद, नामदेव, रैदास, कवि जयदेव तथा 18 हिंदू भक्तों का जिक्र है।
  • इन्होंने अमृतसर तालाब के मध्य में हरमंदर साहब का निर्माण कराया।
  • इन्होंने मनसद प्रथा प्रारंभ की जिसमें प्रत्येक सिख की आय का दसवां भाग दान किया जाए।
  • इनकी मृत्यु 1606 में जहांगीर ने मृत्युदंड दिया।

6. गुरु हर गोविंद –

  • इन्होंने सिखों को सैन्य संगठन का रूप दिया तथा इन्होंने अकाल तख्त का निर्माण किया।
  • इन्होंने अमृतसर की किलाबंदी तथा नागड़ा बजाने की प्रथा प्रारंभ की।
  • गुरु हरगोविंद दो तलवार बांधकर सिंहासन पर बैठता था।

7. गुरु हरराय –

  • इन्होंने दारा शिकोह को आर्शीवाद दिया।

8. गुरु हरकिशन –

  • इन्होंने औरंगजेब से भेंट की।

9. गुरु तेजबहादुर –

  • औरंगजेब ने शीशगंज में गुरुद्वारा के निकट मरवा दिया।

10. गुरु गोविंद सिंह –

  • इनका जन्म 1666 में पटना में हुआ तथा खुद को सच्चा पादशाह कहा।
  • इन्होंने 5 करार दिए –

1. केश, 2. कंघा, 3. कृपाण, 4. कच्छा, 5. कड़ा

  • इन्होंने सिंह शब्द दिया तथा इनके दो पुत्र फतेह सिंह तथा जोरावर सिंह थे जिन्हें मुगल फौजदार वजीर खान के द्वारा मार दिया।
  • इन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।
  • इनकी मृत्यु 1708 नांदेड़ (महाराष्ट्र) में अफगानी पठान गुल खान के द्वारा की गई।

बंदा बहादुर –

  • इनका जन्म 1670 में हुआ।
  • उनका मूल नाम लक्ष्मण सिंह / लच्छन देव था।
  • गुरु गोविंद ने बंदा बहादुर नाम दिया था तथा इसने राजधानी लोहागढ़ बनाया।
  • इन्होंने गुरु नानक व गुरु गोविंद सिंह के नाम के सिक्के चलाए।

शिवाजी –

  • ये मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे।
  • जन्म – 6 अप्रैल 1627 (शिवनेर)
  • पिता – शाहजी भोसले
  • माता – जीजा बाई
  • गुरु – दादा कोंडदेव
  • प्रभाव – गुरु रामदास
  • पत्नी – साइबाई निबालकर
  • राज्याभिषेक – 1674 रायगढ़ श्री गंगा भट्ट द्वारा
  • शिवाजी का प्रथम आक्रमण 1644 में तोरण पर हुआ तथा 1656 को रायगढ़ को राजधानी बनाया।
  • 1665 में बीजापुर में अफजल खान की हत्या कर दी।
  • औरंगजेब के प्रमुख सेनापति आमेर राजा जयसिंह ने 1664, 1670 में सूरत बंदरगाह लूटा।
  • 1665 में पुरंदर की संधि आमेर राजा जयसिंह तथा शिवाजी के मध्य हुई।

पुरंदर की संधि की शर्ते –

  • शिवाजी के पास 35 किले थे उनमें से 23 किले और उनके आसपास के इलाके जिससे प्रतिवर्ष 4 लाख हूण की आमदनी थी जो मुगलों को देने थे।
  • बाकी 12 किले जिनकी सालाना आय ₹1 लाख थी जोकि शिवाजी के पास रहेंगे।
  • बीजापुर राज्य के चार लाख हूण आय के क्षेत्र तथा बालाघाट क्षेत्र के 5 लाख हूण की आय वाले क्षेत्र शिवाजी को दे दिए।
  • शिवाजी ने अपने बेटे संभाजी को 5000 का मनसब प्रदान किया परंतु शिवाजी ने बचन दिया कि अगर मुगल दक्कन में कोई लड़ाई लड़ेंगे तो वह उनमें व्यक्तिगत रूप से उनमें शामिल होंगे।
  • औरंगजेब ने शिवाजी को जयपुर भवन में कैद कर लिया था 1680 में शिवाजी की मृत्यु हो गई।
  • प्रशासन – शिवाजी का मंत्रिमंडल अष्टप्रधान था जोकि राजा की मर्जी से तथा अनुवांशिक नहीं था।
  • शिवाजी की सेना तीन महत्वपूर्ण भागों में विभक्त थी–
  1. पागासेना – नियमित घुड़सवार सैनिक
  2. सिलहदार – अस्थाई घुड़सवार सैनिक
  3. पैदल – पैदल सैनिक

शिवाजी के उत्तराधिकारी –

शाम्भाजी –

  • शाम्भाजी के सलाहकार कवि कलश (उज्जैन) थे।

राजाराम –

  • इन्होंने छत्रपति की उपाधि धारण की थी तथा सतारा को राजधानी बनाया।
  • इसके बाद 4 वर्षीय शिवाजी-II (ताराबाई) उत्तराधिकारी थे।

साहू –

  • 1707 में खेड़ा का युद्ध साहू तथा ताराबाई के बीच हुआ जिसमें साहू विजयी हुआ।
  • इसी समय पेशवा (प्रधानमंत्री) का उदय हुआ।
  • 1713 में साहू ने बालाजी विश्वनाथ को पेशवा बनाया जो कि पुणे में बैठते थे।

बाजीराव प्रथम –

  • दिल्ली पर आक्रमण करने वाला प्रथम पेशवा था।
  • मस्तानी का संबंध बाजीराव प्रथम से है।
  • 1728 में पालखेड़ा का युद्ध निजामुल्क तथा बाजीराव प्रथम के बीच हुआ।

बालाजी बाजीराव –

  • इन्हें नाना साहेब के नाम से जाना जाता है।
  • 750 में संगोला संधि हुई जिसके कारण पेशवा के पास सारे अधिकार आ गए।
  • 14 जनवरी 1761 का पानीपत का तृतीय युद्ध अहमद शाह अब्दाली तथा मराठाओ के सदाशिव भाऊ के बीच होता है। जिसमें मराठा हार जाते हैं।
  • माधव राज नारायण शाह आलम द्वितीय को पुनः सम्राट बनाया।
  • इसके बाद माधवराव नारायण द्वितीय पेशवा बने जिसमें बारहभाई सभा (12 सदस्य) चलाई।
  • दो सदस्य प्रमुख थे – महादजी सिंधिया, नाना फड़नवीस।
  • नाना फड़नवीस का मूल नाम बालाजी जनार्दन भानु था।
  • अंतिम पेशवा राधोबा का पुत्र बाजीराव द्वितीय था जो कि सहायक संधि करने वाला प्रथम मराठा सरकार था।

प्रथम (1782) – सालबाई संधि

आंग्ल मराठा उदय द्वित्तीय (1803-05) – देवगांव
संधि

तृतीय (1817-19) – पेशवा पद
समाप्त

 

 

 

 

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