बालक का भाषात्मक विकास

भाषा विकास

  • भाषा अभिव्यक्ति एवं विचार विनिमय या का मानव निर्मित साधन है।
  • विश्व कोष के अनुसार à भाषा ध्वनि प्रति को या संकेतों की ऐसी माननीय अवस्था है जिसके द्वारा एक समूह के लोग आपस में विचार विनियम करते हैं।
  • भाषा संघात्मक विकास का हिस्सा है।

भाषा की विशेषताएं

  1. भाषा अभिव्यक्ति का एक सांकेतिक साधन है।
  2. भाषा का विचारों से गहरा संबंध है।
  3. भाषा अर्जित संपत्ति है।
  4. भाषा अर्जन अनुकरण द्वारा होता है।
  5. भाषा गतिशील एवं परिवर्तनशील है।
  6. प्रत्येक भाषा की अपनी सीमा एवं संरचना होती है।
  7. भाषा संस्कृति एवं सभ्यता से जुड़ी है।

बालक का भाषात्मक विकास

(i) भाषा विकास के चरण à

            ध्वनि का सुनना एवं पहचानना

            ध्वनि पैदा करना [बलबलाना]

            अक्षरों को पहचानना

            अक्षरों को लिखना

             वाक्य रचना

  • क्रन्दन – जन्म के समय
  • बलबलना [12 सप्ताह से शुरू 6 माह में]
  • ध्वनि ग्राम – “क” “ख” “A” “1”
  • रूप ग्राम / रूपीम à [अर्थ पूर्ण इकाई]

                                    cut – कट

शब्द भंडार

10 माह का बालक पहला सार्थक शब्द बोलता – मां

1 वर्ष – 3/4/5 शब्द

2 वर्ष – 100 – 200 शब्द [2 शब्दों का वाक्य बनाता है]

3 वर्ष – 896 शब्द [शिष्टाचार शब्दावली का विकास]

4 वर्ष – 1540 शब्द समय संबंधित शब्दावली

5 वर्ष – 2072 शब्द [रंग संबंधित शब्दावली]

6 वर्ष –2562 शब्द [गुप्त शब्दावली]

8 वर्ष – 3600 शब्द

10 वर्ष – 5400 शब्द

12 वर्ष – 7200 शब्द

14 वर्ष – 9000 शब्द

16 वर्ष – 11700 शब्द

18 वर्ष – 15000 – 19000 शब्द

1. नॉम चाँम स्टकी का सिद्धांत

       मनो भाषिक विकास

  • जन्मजात होती है
  • LAD भाषा अर्जन यंत्र के साथ बालक पैदा होते हैं जिससे वह सर्वभाषा व्याकरण के नियम को समझते हैं।
  • जैविक रूप से भाषा को ग्रहण करने की संरचना सभी मनुष्य में उपस्थित होती है

2. वायगोत्सकी के अनुसार भाषा विकास

  • भाषा जैविक एवं सामाजिक दोनों कारकों की अंतः क्रिया के फलस्वरूप होती है।

3. स्किनर के अनुसार भाषा विकास

  • बालक अधिगम द्वारा भाषा सीखते हैं
  • बालक जो देखते हैं बोलते हैं उनका अनुकरण करते हैं। तथा पुनर्बलन एवं दण्ड के स्वरूप भाषा को ग्रहण करते हैं।

4. बेजामिन ब्हार्फ

  • भाषाई सापेक्षता का सिद्धांत
  • भाषा महत्वपूर्ण है। बिना भाषा के विचार उत्पन्न नहीं होता है।
  • भाषा विचार की अन्र्तवस्तु का निर्धारण करती है।

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