तमाशा → (जयपुर)
- सवाई प्रताप सिंह के काल में प्रारंभ
- प्रवर्तक – बंशीधर भट्ट
- जयपुरी ख्याल + ध्रुपद गायन शैली का मिश्रण
- नाट्यस्थल, रंगमंच, अखाड़ा
- यह लोकनाट्य दिन में प्रदर्शित होता है।
- इस नाट्य में महिलाओं की भूमिक महिलाएं निभाती हैं।
- प्रमुख वाद्ययंत्र – हारमोनियम, तबला, नगाड़ा
- प्रमुख महिला कलाकार – गौहरा जान
- तमाशा में उस्ताद कला फूलजी भट्टी ने प्रारंभ की