साथियों नमस्कार 🙏कैसे हो, उम्मीद है आप बहुत अच्छे होंगे साथियों आज के मनोविज्ञान के कक्षा के नोट्स यहां दिए जा रहे हैं आप इसे डाउनलोड किए बिना भी पढ़ सकते हो ताकि आपका मोबाइल स्टोरेज यथावत रहे, यदि फिर भी आप चाहते हो तो इस नोट्स के अंत में डाउनलोड बटन दिया हुआ है जहां से से डाउनलोड करके आप प्राप्त कर सकते हैं
संवेगात्मक विकास
अर्थ –
Emotion –
(Emovere) इमोवेयर (लैटिन भाषा) -उत्तेजित होना
परिभाषा
- वुडवर्थ – संवेग व्यक्ति की उत्तेजित दशा है।
- रॉस – संवेग चेतना की वह अवस्था है जिसमें भावात्मक तत्व की प्रधानता होती है
- जरशील्ड – किसी आवेग के आने, उत्तेजित, हो जाने, तथा भड़क जाने की अवस्था संवेग
- क्रो एंड क्रो – संवेग एक भावात्मक अनुभूति है जिसमें समायोजन जुड़ा है।
- गेल्डार्ड – संवेग क्रियाओं का उत्तेजक है।
प्रकृति
स्थिति की व्याख्या करते हैं
- संवेग का स्वरूप स्थायी होता है (क्षणिक)
- संवेग सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार की है।
- संवेग सार्वभौमिक है।
- सवेगों का संबंध मूल प्रवृत्ति से है।
- सवेगों का चिंतन बुद्धि / तार्किकता का संबंध नहीं होता है।
- संवेगो का स्वरूप अभिप्रेरणात्मक होता है।
- संवेग जन्म जात होते हैं बिन / हालिगबर्थ
- संवेग अर्जित होता है à एवं जन्म के समय केवल उत्तेजना संवेग होता है
वाटसन – भय स्नेह क्रोध संवेग होते हैं बाद में आलोचना हुई।.
संवेगात्मक विकास
संवेगात्मक समस्याएं
- पलायन
- हकलाना / तुतलाना [संवेगो का तेज प्रवाह]
- बिस्तर गिला करना
- Left hand
- अंगूठा / नाखून चूसना
संवेगो पर नियंत्रण
- दमन / शमन
- मानसिक व्यस्तता
- अभिमान (सुखात्मक) घमंड
- उदात्तीकरण
- संवेगात्मक रेचन (catharsis)
प्रभावित करने वाले कारक
सर,हमारे लिए इतना कुछ करने के लिए ,दिल से धन्यवाद
आपकी ऐसी उच्च सोच को सलाम करता हूँ।
Thanks sir