संवेगात्मक विकास

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संवेगात्मक विकास

अर्थ –

Emotion –

(Emovere) इमोवेयर (लैटिन भाषा) -उत्तेजित होना

परिभाषा

  1. वुडवर्थ – संवेग व्यक्ति की उत्तेजित दशा है।
  2. रॉस – संवेग चेतना की वह अवस्था है जिसमें भावात्मक तत्व की प्रधानता होती है
  3. जरशील्ड – किसी आवेग के आने, उत्तेजित, हो जाने, तथा  भड़क जाने की अवस्था संवेग
  4. क्रो एंड क्रो – संवेग एक भावात्मक अनुभूति है जिसमें समायोजन जुड़ा है।
  5. गेल्डार्ड – संवेग क्रियाओं का उत्तेजक है।

प्रकृति

जब किसी उदीपक /

स्थिति की व्याख्या करते हैं

  • संवेग का स्वरूप स्थायी होता है (क्षणिक)
  • संवेग सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों प्रकार की है।
  • संवेग सार्वभौमिक है।
  • सवेगों का संबंध मूल प्रवृत्ति से है।
  • सवेगों का चिंतन बुद्धि / तार्किकता का संबंध नहीं होता है।
  • संवेगो का स्वरूप अभिप्रेरणात्मक होता है।
  • संवेग जन्म जात होते हैं बिन / हालिगबर्थ
  • संवेग अर्जित होता है à एवं जन्म के समय केवल उत्तेजना संवेग होता है

वाटसन – भय स्नेह क्रोध संवेग होते हैं बाद में आलोचना  हुई।.

संवेगात्मक विकास

संवेगात्मक समस्याएं

  • पलायन
  • हकलाना / तुतलाना [संवेगो का तेज प्रवाह]
  • बिस्तर गिला करना
  • Left hand
  • अंगूठा / नाखून चूसना

संवेगो पर नियंत्रण

  1. दमन / शमन
  2. मानसिक व्यस्तता
  3. अभिमान (सुखात्मक) घमंड
  4. उदात्तीकरण
  5. संवेगात्मक रेचन  (catharsis)

प्रभावित करने वाले कारक

2 thoughts on “संवेगात्मक विकास”

  1. सर,हमारे लिए इतना कुछ करने के लिए ,दिल से धन्यवाद
    आपकी ऐसी उच्च सोच को सलाम करता हूँ।

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