अगर आप प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हो तो आप लोगों को जरूर पढ़ने चाहिए यह Top 50 Rajasthan me Aapada Prabandhan Ke Questions and Answers 2022 जिसमें आप लोगों की परीक्षा को सफल बनाने की जड़ी बूटी मिलाई गयी है। मेरे कहने का मतलब यह है कि यहां पर जो राजस्थान में आपदा प्रबंधन के प्रश्न उत्तर दिए गए है उनको याद करके आप अपनी प्रतियोगिता परीक्षा को आसानी से पास कर सकते हो। तो देर किस बात की है निचे दिए गए Top 50 Rajasthan me Aapada Prabandhan Ke Questions and Answers को अच्छे से याद कर लो।
Contents
1. राजस्थान में जीवन धारा योजना का संबंध है?
- (1) गरीबों के लिए बीमा योजना
- लघु सिंचाई व कुँओं का निर्माण
- ग्रामीण गरीबों को बिजली उपलब्ध करवाना
- चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाना
व्याख्या (2)- राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही जीवनधारा योजना ग्रामीण इलाकों के रहने वाले किसानों एवं खेतिहरों के लिए है। इससे किसान लघु सिंचाई योजनाएं एवं कुओं के लिए ऋण प्राप्त कर पाता है।
2. राजस्थान में सूखा सम्भाव्य क्षेत्र कार्यक्रम किस वर्ष से प्रारम्भ किया गया था?
- वर्ष 1974-75
- वर्ष 1979-80
- वर्ष 1984-85
- वर्ष 1989-90
व्याख्या (1)- राज्य में सूखा संभाव्य क्षेत्र कार्यक्रम 1974-75 में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम में राज्य की वित्तीय भागीदारी 50 : 50 प्रतिशत सुनिश्चित की गई। यह कार्यक्रम राज्य के 11 जिलों एवं 32 खण्डों में चलाया गया था। वर्तमान में इसको बन्द कर दिया गया है।
3. राजस्थान में बहुधा सूखा एवं अकाल पड़ने का आधारभूत कारण क्या है?
- (1) अरावली का दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर प्रसार
- अनियमित, अपर्याप्त एवं अनिश्चित वर्षा
- मिट्टी एवं वनों का अवक्रमण
- विवेकहीन एवं अवैज्ञानिक ढंग से पानी का उपयोग
व्याख्या (2)- राज्य में अकाल पड़ने के पीछे प्राकृतिक कारण प्रमुख भूमिका निभाते हैं और सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक परिस्थितियां तो आग में घी डालने का काम करती हैं। प्राकृतिक कारणों में विषम जलवायु, वनों का अभाव, पानी का अभाव, अनियमित वर्षा आदि प्रमुख हैं।
4. मरु विकास कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है ?
- मरुस्थलीकरण को रोकना
- मरुस्थलीकरण को रोकते हुए आर्थिक दशा सुधारना
- रोजगार के लिए साधन उपलब्ध कराना
- पशुपालन विकास कार्यक्रम चलाना
व्याख्या (2)- राष्ट्रीय कृषि विज्ञान आयोग की सिफारिश पर 1977-78 लागू इस कार्यक्रम का मख्य उद्देश्य मरुस्थल के विस्तार को रोकना यह कार्यक्रम अब समाप्त कर दिया गया है।
5. मगरा क्षेत्र विकास कार्यक्रम राजस्थान में वर्ष 2005-06 में शरू किया गया। यहाँ मगरा क्षेत्र निम्न जिलों से संबंधित है?
- अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, पाली एवं राजसमन्द
- सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर एवं बारां
- बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर व गंगानगर
- अलवर व भरतपुर
व्याख्या (1)- मगरा क्षेत्र विकास कार्यक्रम राजस्थान में वर्ष 2005-06 में | शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम राज्य के कुछ चुनिंदा जिलों यथाअजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, पाली एवं राजसमंद में शुरू किया गया था। यह शत प्रतिशत वित्त पोषित योजना है।
6. वर्तमान में मरु विकास कार्यक्रम कितने जिलों में चल रहा है?
- 12
- 14
- 16
- 17
व्याख्या (3)- मरु विकास कार्यक्रम केन्द्र एवं राज्य 75:25 के अनुपात में चल रहा था। यह राज्य के 16 जिलों एवं 85 उपखण्डों में चलाया | गया था। वर्तमान में यह कार्यक्रम समाप्त कर दिया गया है।
7. ‘अकाल एवं सूखे’ के निवारण हेतु किस प्रकार की सर्वाधिक आवश्यकता है?
- जल प्रबन्धन की प्राचीन एवं नवीन तकनीक में समन्यस्यपि स्थापित करना
- सिंचाई सुविधाओं का विस्तार
- कृत्रिम वर्षा करना
- अकाल राहत कार्य
व्याख्या (1)- अकाल एवं सूखे के निवारण हेतु स्थानीय जल संसाधनों का संरक्षण, सिंचित क्षेत्रों में पानी का किफायत से प्रयोग एवं सिंचाई की सुविधाओं का विस्तार करना चाहिए। राज्य सरकार को उपलब्ध जल संसाधनों के दीर्घकालीन प्रबन्धन हेतु ऐसी नीति अपनानी चाहिए जिसमें जल का कम से कम उपयोग हो।
8. मरुस्थल वृक्षारोपण शोध केन्द्र की स्थापना 1952 में जोधपुर में की गई तो 1957 में इसका नाम परिवर्तित कर क्या कर दिया गया?
- डेजर्ट अफोर्सेशन रिसर्च स्टेशन
- सेन्ट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टीट्यूट
- डेजर्ट अफोरेस्टेशन एण्ड सोशियल कर्जेशन
- नन ऑफ देम
व्याख्या (3)- केन्द्रीय मरु अनुसंधान संस्थान, जोधपुर (काजरी ) की स्थापना केन्द्रीय सरकार ने मरुस्थल की गंभीरता को देखते हुए 1952 में की थी। अन्त में मरुस्थली समस्याओं के शोध कार्यक्रम के फलस्वरूप काजरी का गठन किया गया। यह संस्थान मरुस्थल के प्रसार को रोकने एवं कृषि उपयोग में वृद्धि संबंधी जानकारी देता है।
9. मरु विकास कार्यक्रम परियोजना है?
- केन्द्र सरकार की
- राज्य सरकार की
- गैर सरकारी संगठनों की
- सार्वजनिक निजी भागीदारी की
व्याख्या (1)- मरु भूमि विकास कार्यक्रम केन्द्र प्रवर्तित कार्यक्रम है। 1977-78 में मरुस्थल के प्रसार को रोकने, पर्यावरण संतुलन सुधारने, उपलब्ध साधनों का आर्थिक विकास के लिए उपयोग प्रारम्भ किया गया था। 1985-86 से केन्द्र सरकार सम्पूर्ण व्यय वहन कर रही है।
10. मरुस्थल वृक्षारोपण अनुसंधान केन्द्र की स्थापना जोधपुर में किसकी सहायता से की गई?
- संयुक्त राष्ट्र संघ
- कनाडा
- रूस
- विश्व बैंक
व्याख्या (1)- केन्द्रीय मरु अनुसंधान संस्थान की स्थापना वर्ष 1952 में मरु अनुसंधान संस्थान के रूप में संयुक्त राष्ट संघ की सहायता से की गई थी। 1959 में काजरी को पूर्ण संस्थान का दर्जा दिया गया था। संस्थान वर्तमान में कृषि तकनीक हस्तांतरण किसानों तक पहुँचाने की दिशा में प्रयासरत है।
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