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31. राजस्थान में स्थित थार मरुस्थल के पर्व की तरफ प्रसार में प्राकृतिक रुकावट या बाधा कौनसी है?
- विंध्याचल पर्वत
- चम्बल बेसिन
- अरावली पर्वत
- माही नदी
व्याख्या (3) राज्य के थार मरुस्थल के पूर्व की तरफ प्रसार में प्राकृतिक रुकावट अरावली पर्वतमाला है। यह पर्वत राज्य को दो विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों अर्थत् मरुस्थलीय एवं गैर मरुस्थलीय में विभक्त करता है। इसकी पर्वत श्रेणिका मरुस्थल विस्तार रोकती है।
32. अरावली पर्वत मालाओं की दक्षिणी जड़ें जहाँ से प्राप्त होती हैं, वह स्थान है-
- पालनपुर
- आबू पर्वत
- अरब सागर तल
- गोगुन्दा
व्याख्या (3)- अरावली पर्वतमाला का उद्गम दक्षिणतम क्षेत्र अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप के मिनिराय द्वीप से माना जाता है। इसी कारण अरब सागर को अरावली पर्वत का जनक माना जाता है।
33. मरुस्थली प्रदेश की कौनसी दो विशेषताएँ हैं?
- विशाल रेत के फैलाव, चट्टानी परित्यक्त शिलाएँ
- उच्च तापमान व वर्षा की कमी
- धूलभरी हवाएँ तथा बालू के टीले
- कम वायु दाब व आर्द्रता की कमी
व्याख्या (1)- राज्य के थार मरुस्थलीय प्रदेश की प्रमुख विशेषता विशाल रेत के फैलाव, चट्टानी परित्यक्त शिलाएँ तथा विशेष रूप से यह मरुस्थल भारत तथा पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा (रेडक्लिप) से विभाजित है।
34. भोराठ के पठार की दो प्रमुख चोटियाँ कौनसी हैं?
- जरगा एवं गोगुन्दा
- हाथीगुफा की नाल
- आबू पर्वत खण्ड
- अचलगढ़
व्याख्या (1)- भोराठ का पठार उदयपुर जिले की गोगुन्दा, धरियावद ईसवाल एवं राजसमंद जिले के कुम्भलगढ़ भू-भागों पर विस्तृत है। इसकी प्रमुख चोटियों में जरगा तथा गोगुन्दा प्रमुख हैं।
35. राजस्थान के निम्नलिखित में से कौन-कौन से स्थल रूप गौंडवाना लैंड के भाग हैं?
- अरावली पर्वत श्रेणी
- पूर्वी मैदानी भाग
- पश्चिमी बालुका मैदान
- द.पू. पठारी भाग कूट
(1) 1 और 3 (2) 1 और 4 (3) 1, 2 और 3 (4) 2 और 4
व्याख्या (2) अरावली पर्वत एवं दक्षिण पठारी भाग गौंडवाना लैण्ड के भू-भाग है, क्योंकि गौंडवाना लैण्ड का एक अंश को वर्तमान में दक्षिणी पठार के रूप में जाना जाता है, इसी प्रकार अरावली पर्वतमाला भी विभिन्न कटावों से कट कर उबड़-खाबड़ हो गई है।
36. मेवाड़ की पहाड़ियों के प्रमुख दरें हैं-
- चारभुजा खण्ड
- कुम्भलगढ़, गोगुन्दा
- देसूरी की नाल, हाथीगुफा की नाल्न
- भाखर, भोराट
व्याख्या (3)- मेवाड़ की पहाड़ियों के मुख्य दरे हैं। देसूरी की नाल एवं हाथीगुफा की नाल, जो पाल एवं राजसमंद से सम्पर्क कराते हैं। देसूरी नाल चारभुजा को राजसमंद से जोड़ता है जबकि हाथीगुफा की नाल दर्रा सिरोही को गोगुन्दा, उदयपुर से जोड़ता है।
37. अरावली श्रृंखलाओं की सर्वाधिक ऊँची पहाड़ियाँ किसके मध्य स्थित हैं?
- गोगुन्दा व कुंभलगढ़ के मध्य
- डूंगरपुर एवं उदयपुर के मध्य
- अलवर एवं जयपुर के मध्य
- अजमेर से उदयपुर के मध्य
व्याख्या (1)- उदयपुर के उत्तर पश्चिम में और राजसमंद के पश्चिम में कुम्भलगढ़ और गोगुन्दा के बीच अरावली श्रृंखला एक पठार के रूप में फैली हुई है। इसे मेवाड़ की पहाड़ियों के नाम से जाना जाता है।
38. निम्न में से कौनसी पहाड़ियाँ मध्य अरावली श्रेणी में स्थित हैं?
- मेरवाड़ा पहाड़ियाँ
- रोजा भाखर पहाड़ियाँ
- इसराना भाखर की पहाड़ियाँ
- गिर्वा पहाड़ियाँ
व्याख्या (3)- मध्य अरावली क्षेत्र अजमेर जिले में फैला हुआ है। इसमें अनेक पहाड़ियों से युक्त असमतल प्रदेश हैं। अजमेर के दक्षिण पश्चिम भाग में तारागढ़ (870 मीटर) और पश्चिम में सर्पिलाकार पर्वत श्रेणियाँ नाग पहाड़ (795 मीटर) हैं।
39. निम्नलिखित में से कौनसा एक अरावली पहाड़ियों का उनकी ऊँचाई के अनुसार अवरोही क्रम है?
- अचलगढ़, जरगा, जयगढ़ और डोरा पर्वत
- जरगा, जयगढ़, अचलगढ़ डोरा पर्वत
- अचलगढ़, डोरा पर्वत, जयगढ़, जरगा
- जरगा, अचलगढ़, डोरा पर्वत, जयगढ़
व्याख्या (4)- अरावली पर्वत श्रेणी की ऊँचाई के अनुसार चोटियाँ जरगा (1431 मीटर), अचलगढ़ (1380 मीटर), डोरा पर्वत (869 मीटर) तथा तारागढ़ प्रमुख हैं।
40. राजस्थान के किस क्षेत्र में विन्ध्य पठार का विस्तार है?
- उत्तर-पूर्व
- दक्षिण-पूर्व
- दक्षिण
- दक्षिण-पश्चिम
व्याख्या (2)- राजस्थान में विन्ध्य कगार भूमि दक्षिणी-पूर्वी भाग में है। मुख्यत: धौलपुर तथा करौली जिलों में बनास-चम्बल नदी के बीच स्थित यह भाग बलुआ पत्थरों से निर्मित नहीं है।
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