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11.बंजर भूमि विकास विभाग की स्थापना 1982 में की गई तो समन्वित बंजर भूमि विकास परियोजना कब प्रारम्भ की गई?
- 1 अप्रैल, 1993
- 1 जुलाई, 1995
- 1 अप्रैल, 1995
- 1जुलाई, 1993
व्याख्या (3)- बंजर भूमि विकास विभाग की स्थापना 1982 में की गई लेकिन समन्वित बंजर भूमि विकास परियोजना की स्थापना 1 अप्रैल, 1995 को की गई। वहीं राज्य की एकीकृत बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए पहल परियोजना प्रारम्भ की गई। इस परियोजना के अंतर्गत कृषि योग्य बंजर भूमि तथा अयोग्य बंजर भूमि को सम्मिलित | किया गया है।
12. एकीकृत बंजर भूमि को अन्य किस नाम से जाना जाता है ?
- पहल परियोजना
- पड़ती परियोजना
- बीस सूत्री कार्यक्रम
- उपरोक्त सभी
व्याख्या (1)- उपरोक्त प्रश्न की व्याख्या देखे
13. सूखा एवं अकाल की बारम्बारता में निरन्तर कमी होने का कारण है?
- वर्षा की कमी
- वनों की कमी
- जल संसाधनों का घटना
- जनसंख्या वृद्धि
व्याख्या (2)- राजस्थान में मानसून की विफलता ही सूखे का प्रमख कारण है। राज्य में वनों की मात्रा तो पहले ही काफी कम है। साथ ही वनों का निर्ममता से दोहन किया जा रहा है। वन न केवल वर्षा को ही आकर्षित करते हैं, वरन् उपजाऊ भूमि का क्षरण भी रोकते हैं।
14. सीमा क्षेत्र विकास सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम का सम्बन्ध राज्य के किन जिलों से है?
- सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर
- गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर
- गंगानगर, हनुमानगढ़, जोधपुर, जैसलमेर
- सिरोही, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, झालावाड़
साव्या (2)- राज्य के सीमावर्ती जिलों श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर में सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम शुरू किया गया है।
15. डांग-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम निम्न जिलों में संबंधित है?
- कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, धौलपुर
- जोधपुर, बाड़मेर, पाली, जालौर
- उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़
- नागौर, चूरु, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर
व्याख्या (1)- कन्दरा/डांग-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम-केन्द्र सरकार द्वारा 1987-88 में राज्य के 8 जिले (भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी, बारां तथा झालावाड़) की 332 ग्राम पंचायतों में बीहड़ें के विस्तार को रोकने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके लिए डांग प्रादेशिक विकास बोर्ड का गठन किया गया है जो इस क्षेत्र का आर्थिक व सामाजिक विकास करता है।
16. राज्य व राष्ट्रीय लैण्ड यूज बोर्ड तथा राष्ट्रीय लैण्ड रिसोर्सेज कन्जरवेशन व डवलपमेंट कमीशन जिन समस्याओं से मुख्यतः जुड़े हुए हैं उनका संबंध है?
- अन्तर्राज्यीय जल विवादों से
- बंजर भूमि के उचित उपयोग से
- खेती योग्य भूमि की पहचान व उसके विकास से
- भूमि व मिट्टी के क्षरण व अपकर्षण से
व्याख्या (2)-राज्य व राष्ट्रीय लैण्ड यूज बोर्ड तथा राष्ट्रीय लैण्ड रिसोर्सेज | कन्जरवेशन व डवलपमेंट कमीशन बंजन भूमि के उचित उपयोग संबंधी समस्याओं का निदान करता है।
17. मगरा क्षेत्र विकास कार्यक्रम राजस्थान मे वर्ष 2005-2006 मे शुरू किया गया। यहाँ मगरा क्षेत्र निम्न जिलों से संबंधित है?
- अजमेर, भीलवाड़ा, चितौड़गढ़, पाली एवं राजसमंद
- सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर व बाराँ
- बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर व गंगानगर
- अलवर व भरतपुर
व्याख्या (1)- मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम ( 2005-2006 से प्रारम्भ)राज्य के बीच जिलों (मगरा क्षेत्र ) अजमेर, भीलवाड़ा, पाली, चित्तौड़गढ़ व राजसमंद में कार्यरत यह शत-प्रतिशत राज्य वित्त पोषित योजना है।
18. राजस्थान में सूखा सम्भाव्य क्षेत्र कार्यक्रम किस वर्ष से प्रारम्भ किय गया था?
- वर्ष 1974-75
- वर्ष 1979-80
- वर्ष 1984-85
- वर्ष 1989-90
व्याख्या (1)- 1974-75 में शुरू हुये इस कार्यक्रम में केन्द्र व राज्य की वित्तीय भागीदारी 50 : 50 प्रतिशत सुनिश्चित की गई। यह कार्यक्रम राज्य के 11 जिलों (करौली, उदयपुर, बांसवाड़ा, भरतपुर, झालावाड़, डूंगरपुर, सवाई माधोपुर, कोटा, टोंक, बारां तथा अजमेर) के 32 खण्डों में चलाया जा रहा था। यह कार्यक्रम वर्तमान में समाप्त कर दिया गया है।
19. हरित राजस्थान’ योजना आरम्भ की गई थी।
- 2009-10 में
- 2004-2005 में
- 2002-2003 में
- 2007-2008 में
व्याख्या (2)- हरित राजस्थान योजना: राज्य में हरित राजस्थान की शुरूआत 15 जुलाई, 2009 से की गई है। शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों की राजकीय व निजी भूमि पर बड़े स्तर पर वृक्षारोपण का काम किया गया। शहरों में इस योजना को समस्त शहरी निकायों के द्वारा संचालित किया गया। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए समस्त शहरी निकायों को निर्देश दिए गए है।