अगर आप प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हो तो आप लोगों को जरूर पढ़ने चाहिए यह Top 50 Rajasthan Ke Vany Jeev Jantu aur unake Sanrakshan Ke Questions and Answers 2022 जिसमें आप लोगों की परीक्षा को सफल बनाने की जड़ी बूटी मिलाई गयी है। मेरे कहने का मतलब यह है कि यहां पर जो राजस्थान के वन्य जीव-जन्तु एवं उनके संरक्षण के प्रश्न उत्तर दिए गए है उनको याद करके आप अपनी प्रतियोगिता परीक्षा को आसानी से पास कर सकते हो। तो देर किस बात की है निचे दिए गए Top 50 Rajasthan Ke Vany Jeev Jantu aur unake Sanrakshan Ke Questions and Answers को अच्छे से याद कर लो।
Contents
1. पीवणा’ किस जीव की प्रजाति है ?
- अजगर
- मगरमच्छ
- घड़ियाल
- सर्प
व्याख्या (4)- राज्य के पश्चिमी भाग में साँपों की एक विषैली जाति, करायत (करैत ) नाम से जाती जाती है जिसे पीवणा भी कहा जाता है। पीवणा सर्प के दन्त बहुत छोटे होते हैं। यह सोते हुए आदमी को रात के तीसरे प्रहर में काटता है और भाग जाता है। यह रेगिस्तान में पाया जाने वाला जहरीला सर्प है।
2. रेत का तीतर’ नाम से कौनसा पक्षी प्रसिद्ध है?
- हीरामन, सौंकलिया
- बटबड़, गजनेर
- हरा तोता, सरिस्का
- हिन्दू लोचन, अजमेर
व्याख्या (2)- गजनेर अभयारण्य बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने अपने शिकारगृह के रूप में विकसित किया था। यह 16 किमी. क्षेत्र मों फैला हुआ है। इस अभयारण्य का आकर्षण का केन्द्र बरबड़ नाम का पक्षी है जो रेत का तीतर के नाम से प्रसिद्ध है। यह यहां प्रवास के लिए आता है।
4. राजस्थान का एकमात्र अभयारण्य, जहाँ उड़न गिलहरियाँ देखी जा सकती हैं?
- रामगढ़ विषधारी अभयारण्य
- नाहरगढ़ अभयारण्य
- सीतामाता अभयारण्य
- वन विहार अभयारण्य
व्याख्या (3)- सीता माता अभयारण्य प्रतापगढ़ है। इसे 1979 में अभयारण्य का दर्जा दिया गया था। इसका क्षेत्रफल 422.94 वर्ग किमी है। इस अभयारण्य का विस्तार प्रतापगढ़, उदयपुर तथा चित्तौड़गढ़ जिलों में है। यह राज्य का सर्वाधिक जैव विविधता वाला अभयारण्य है तथा उड़न गिलहरी के लिए प्रसिद्ध है।
5. रूस, उक्रेन तथा कजाकिस्तान से प्रवासी पक्षी कुरजां किस स्थान पर बड़ी संख्या में आते हैं?
- चौहटन क्षेत्र (बाड़मेर)
- शाहपुरा (जयपुर)
- शेरगढ़ (बाराँ)
- खींचन गाँव (जोधपुर)
व्याख्या (4)- जोधपुर की फलौदी तहसील का खींचन गाँव कुरजां पक्षी के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर रूस, कजाकिस्तान से प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में आते हैं। कुरजां भ्रमणशील पक्षी के रूप में प्रसिद्ध है।
7.माउण्ट आबू अभयारण्य, सिरोही की प्रमुख विशेषता है?
- काले हिरण
- जंगली मुर्गे
- चौसिंगा मृग
- घड़ियाल
व्याख्या (2)- माउण्ट आबू अभयारण्य आबू पर्वत श्रृंखला, सिरोही जिले में स्थित है। यह 228 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। राज्य सरकार ने इसकी स्थापना 1960 में की थी। जंगली मुर्गे इस अभयारण्य की विशेषता हैं। पक्षी प्रेमियों के लिए यह अभयारण्य स्वर्ग है। यहां 100 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं।
8. जिस जिले में ‘नेशनल वुड फॉसिल पार्क’ स्थित है, वह है
- बाड़मेर में
- जैसलमेर में
- चूरू में
- सीकर में
व्याख्या (2)- नेशनल वुड फॉसिल पार्क जैसलमेर के निकट स्थित है। यहां 25 वुड फॉसिल पार्क विद्यमान हैं। यह अभयारण्य पूर्ण रूप से वनस्पति विहीन है। यहां हिरण एवं गोडावन पाए जाते हैं तथा मरुद्भिद् पौधे मिलते हैं।
9. वह जन्तुआलय, जो गोडावण पक्षी के कृत्रिम प्रजनन केन्द्र के रूप में विख्यात है, कौनसा है?
- उदयपुर जन्तुआलय
- जयपुर जन्तुआलय
- जोधपुर जन्तुआलय
- कोटा जन्तुआलय
व्याख्या (3)- जोधपुर जन्तुआलय की स्थापना 1936 में की गई थी, यह 1981 में लुप्तप्राय: पक्षी गोडावन के प्रजनन केन्द्र के रूप में विख्यात हुआ। वर्तमान में यह जंतुआलय 23 प्रकार की पक्षी प्रजातियों को संरक्षण दे रहा है।
10. राजस्थान का सबसे छोटा वन्य जीव अभयारण्य कौनसा है?
- फुलवारी की नाल (उदयपुर)
- केसर बाग (धौलपुर)
- सरिस्का (अलवर)
- रामसागर (धौलपुर)
व्याख्या (3)-राजस्थान में सबसे छोटा वन्य जीव अभयारण्य सरिस्का है। इसकी स्थापना 1955 में की गई थी तथा 1978-79 में इसे टाइगर प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था। इस अभयारण्य का क्षेत्रफल 557.50 वर्ग किमी है।
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