Contents
41, वर्तमान में गोडवाना लैण्ड के भाग को किस नाम से जाना जाता?
- टेथिस सागर का भाग
- दक्षिण का पठार
- उत्तर पश्चिम का रेतीला मैदान
- राजस्थान का बांगर
व्याख्या (2) अरावली पर्वत तथा दक्षिणी पठार गौडवाना लैण्ड के भूभाग हैं। क्योंकि गौडवाना लैण्ड का एक अंश अलग हो गया था, जिसे वर्तमान में दक्षिण के पठार के नाम से जाना जाता है।
42. राज्य में डेक्कन ट्रैप के शैल समूह विद्यमान हैं –
- डूंगरपुर-उदयपुर में
- नागौर-जोधपुर में
- झालावाड़-कोटा में
- चित्तौड़गढ़-भीलवाड़ा में
व्याख्या (3)- राजस्थान में अरावली पर्वत माला के अन्तर्गत डैकन टेप के शैल समूह झालावाड़ तथा कोटा जिलों में पाए जाते हैं, जहाँ इनका खनिज रूप से दोहन कर व्यावसायिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है।
43, अरावली पर्वत शृंखला की उत्पत्ति कब हुई मानी जाती है?
- इयोसीन काल में
- प्री-कैम्बियन काल में
- पुरा पाषाण काल में
- इनमें से कोई नहीं
व्याख्या (2)- अरावली पर्वत विश्व की प्राचीनतम मोड़दार या वलित पर्वत प्रकार की पर्वतमाला है। इसका निर्माण प्री-कैम्ब्रियन युग (लगभग 65 करोड़ वर्ष पूर्व ) में हुआ था।
44. अरावली पर्वतमाला राजस्थान को दो भागों उत्तर-पश्चिमी एवं दक्षिण-पूर्वी में बाँटती है। इनमें से किस भाग में वनस्पति कम पाई जाती है?
- उत्तर-पश्चिमी
- दक्षिण-पूर्वी
- दक्षिणी-पश्चिमी
- इनमें से कोई नहीं
व्याख्या (1)- अरावली पर्वत राजस्थान को दो भागों में बाँटता है। उत्तरी पश्चिमी भाग रेतीला मैदान कहलाता है, जबकि दक्षिणी पूर्वी भाग उच्च पठारी भाग कहलाता है। इसके उत्तर-पश्चिम भाग में वनस्पति कम पाई जाती है क्योंकि यह भाग शुष्क एवं अर्द्धशुष्क मरुस्थल के कारण वनस्पति कम पाई जाती है।
45. राज्य में अरावली पर्वतमाला का सर्वाधिक महत्व निम्न में से किस कारण से है?
- यहाँ दुर्लभ वन्य जीव एवं वनस्पतियाँ पाई जाती हैं।
- यह पश्चिमी मरुस्थल के प्रसार को दक्षिण व पूर्वी जिलों में होने से रोकती है।
- इसमें अत्यधिक मात्रा में खनिज पाए जाते हैं।
- उपर्युक्त सभी
व्याख्या (4) अरावली पर्वत माला राज्य के पर्वी भाग में मरुस्थलीय विस्तार को रोकने में सहायक है। यह अनेक नदियों का उद्भव करती है जैसे बनास, लूनी, कोठारी, सूकड़ी, साबरमती आदि। यहां दुर्लभ वन्यजीव, वनस्पतियाँ तथा अत्यधिक मात्रा में खनिज पाए जाते हैं। इससे राज्य आत्मनिर्भर बन रहा है।
46. अरावली श्रेणियों की चौडाई व ऊँचाई किस दिशा में बढ़ती जाती है?
- उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम
- पूर्व से पश्चिम
- दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व
- पश्चिम से पूर्व
व्याख्या (1)- अरावली पर्वत श्रेणियों की चौड़ाई तथा ऊँचाई उत्तर-पूर्व | से दक्षिण-पश्चिम तक विस्तृत है। यह एक जल विभाजक होने के कारण धरातल के विभाजन का निर्धारण करता है।
47. सुमेलित कीजिए –
(पर्वत/पठार)
(A) सुण्डा पर्वत
(B) मेसा पठार
(C) भोराट पठार
(D) त्रिकूट पहाड़ी
(जिला)
(i) जालोर
(ii) उदयपुर
(iii) चित्तौड़गढ़
(iv) जैसलमेर
कूट :
(1)
(2)
(3)
(4)
(A)
i
iv
i
i
(B)
ii
iii
iii
ii
(C)
iii
ii
ii
iv
(D)
iv
i
iv
iii
व्याख्या (3) – (पर्वत/पठार) (जिला) (A) सुण्डा पर्वत (i) जालोर (B) मेसा पठार (ii) चित्तौड़गढ़ (C) भोराट पठार (iii) उदयपुर (D) त्रिकूट पहाड़ी (iv) जैसलमेर
48. मालाणी पर्वत श्रृंखला स्थित है –
- जालोर एवं सिरोही के मध्य
- दौसा एवं जयपुर के मध्य
- जालोर एवं बालोतरा के मध्य
- आबू पर्वत एवं सिरोही के मध्य
व्याख्या (3) मालाणी पर्वत श्रृंखला लूनी बेसिन के मध्यवर्ती भाग में स्थित है, जो मुख्यतः जालोर तथा बाड़मेर के मध्य स्थित है।
49, बाड़मेर के सिवाना पहाड़ी क्षेत्र में स्थित गोलाकार पहाड़ियाँ क्या कहलाती है?
- छप्पन की पहाड़ियाँ
- नाकोड़ा पर्वत
- उपर्युक्त दोनों
- आडावाला पर्वत
व्याख्या (3)- बाड़मेर के सिवाना पर्वतीय क्षेत्र में मुख्यतः गोलाकार पहाड़ियाँ हैं, जिन्हें छप्पन की पहाड़ियाँ एवं नाकोड़ा पर्वत के नाम से जाना जाता है।
50. अरावली श्रृंखला के पश्चिम व उत्तर-पश्चिम में स्थित 12 जिलों में राज्य की कितनी प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है ?
- 40%
- 50%
- 60%
- 70%
व्याख्या (1)- अरावली श्रृंखला के पश्चिम एवं उत्तर-पश्चिम में स्थित 12 जिलों में सीकर, झुंझुनूं, चूरू, हनुमानगढ़, रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, जालोर एवं पाली जिले शामिल हैं। यहाँ का जनघनत्व 40 है।
3 thoughts on “Top 100 Rajasthan Bhotik Pradesh Questions and Answers 2022”